- शिवभक्तों को निर्धारित नियमों का पालन करने की अपील, ओवरसाइज कांवड़ पर सख्त कार्रवाई के संकेत
हरिद्वार। आगामी कांवड़ मेला 2025 को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और मर्यादित तरीके से सम्पन्न कराने के लिए हरिद्वार पुलिस ने कमर कस ली है। लाखों शिवभक्त हर साल इस पवित्र यात्रा में हिस्सा लेते हैं और गंगा जल लेकर अपने-अपने गांव और शहर लौटते हैं। इस बार भी मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जिसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कड़े नियम तय किए हैं।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने साफ शब्दों में कहा है कि कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालुओं को तय मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा,
“हम हर शिवभक्त का स्वागत करते हैं, लेकिन कांवड़ का आकार और अन्य मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। तय साइज के अनुसार ही कांवड़ लेकर आने की अनुमति दी जाएगी।”
ओवरसाइज कांवड़ पर रोक, वैधानिक कार्रवाई के निर्देश
पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि कई श्रद्धालु बेहद विशाल और सजावटी कांवड़ लेकर आते हैं। इससे यातायात व्यवस्था बाधित होती है, जगह-जगह जाम की स्थिति पैदा होती है और अन्य श्रद्धालुओं व आम नागरिकों की परेशानी बढ़ जाती है।
SSP ने बताया कि इस बार पुलिस प्रशासन ने पहले ही निर्णय ले लिया है कि oversized कांवड़ लेकर आने वालों को यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई श्रद्धालु इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
“श्रद्धालु अपने श्रद्धा-भाव को दिखाने के लिए नियमों को न तोड़ें। अपनी कांवड़ को तय माप में छोटा कर लें और सहयोगात्मक भावना के साथ यात्रा में हिस्सा लें।”
पुलिस ने पूरे मेले क्षेत्र में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं। जगह-जगह CCTV कैमरे लगाए गए हैं, ड्रोन से निगरानी की जाएगी और स्पेशल क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम) भी तैनात की गई है।
इसके अलावा, यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस की अलग से टीमें बनाई गई हैं। SSP ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित मार्गों का पालन करें, पुलिस के निर्देशों को मानें और सहयोग करें
हरिद्वार पुलिस ने साफ तौर पर कहा है कि यह सारे प्रबंध शिवभक्तों की सुरक्षा और सुविधा के लिए किए गए हैं। अनुशासन और नियमों का पालन करके ही कांवड़ मेला को शांतिपूर्ण एवं भव्य बनाया जा सकता है।
कांवड़ के मानक क्या हैं?
हरिद्वार पुलिस एवं प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार:
कांवड़ का आकार (साइज):
- कांवड़ की लंबाई और चौड़ाई एक सीमित दायरे में होनी चाहिए।
- आमतौर पर, कांवड़ इतनी लंबी नहीं होनी चाहिए कि सड़क पर आवागमन बाधित हो कोया बिजली के तारों को नुकसान पहुंचे।
सजावट सीमित और साधारण होनी चाहिए।
ध्वनि और लाइटिंग:
- तेज़ आवाज़ में डीजे या स्पीकर ले जाना सख्त मना है।
- अत्यधिक बिजली या रंग-बिरंगी चमकदार लाइटों से बचना चाहिए।
- अनुशासन और साफ-सफाई:
- रास्तों पर कूड़ा या प्लास्टिक फैलाना वर्जित है।
- धार्मिक मर्यादा बनाए रखना आवश्यक है।
उल्लंघन पर सजा और कार्रवाई
धारा 283 (भारतीय दंड संहिता):
सार्वजनिक रास्ते में बाधा उत्पन्न करना अपराध माना जाता है। इसमें ₹200 तक जुर्माना या मामूली सजा का प्रावधान है।
धारा 188 (आदेश की अवहेलना):
प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन करने पर 1 महीने तक की जेल या जुर्माना, या दोनों।
धारा 290 (सार्वजनिक उपद्रव):
यदि कांवड़ के कारण कोई अव्यवस्था या उपद्रव होता है, तो ₹200 जुर्माना।
धारा 268 (सार्वजनिक परेशानी):
यदि किसी की सुरक्षा, स्वास्थ्य या सुविधा में बाधा उत्पन्न होती है, तो मामला दर्ज किया जा सकता है।
विशेष प्रावधान:
हरिद्वार पुलिस, मेले के दौरान विशेष आदेश (CrPC की धारा 144) लागू करती है। इसका उल्लंघन करने पर गिरफ्तार कर कांवड़ को जब्त भी किया जा सकता है। हरिद्वार पुलिस ने सभी शिवभक्तों से अपील की है कि वे अपनी आस्था और श्रद्धा को मर्यादा में रखकर व्यक्त करें। प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके और मेले की गरिमा बनी रहे।
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