देहरादून। टनकपुर की शांत सुबह। शारदा नहर के किनारे हल्की धुंध उस धुंध में एक महिला हाथ में काला बैग लेकर तेजी से आगे बढ़ती जा रही थी। शायद उसे अंदाजा नहीं था कि पुलिस की पैनी नजर पहले ही उसकी हरकतों पर थी। शुक्रवार सुबह 5:45 बजे, पुलिस ने जैसे ही उसे रोका, महिला भागने की कोशिश करने लगी। पर किस्मत ने साथ नहीं दिया — कुछ ही पलों में उसे पकड़ लिया गया।’
पुलिस टीम ने जब बैग खोला तो सब हैरान रह गए। अंदर था एमडीएमए — यानी वही ड्रग जिसे क्लब्स और पार्टियों में ‘एक्स्टसी’ या ‘मौली’ कहा जाता है। कुल वजन 5.688 किलो, जिसकी कीमत सीधी-सी बात में कहें तो 10 करोड़ रुपये से भी ज्यादा!
गिरफ्तार महिला की पहचान हुई — ईशा (22 वर्ष), पत्नी राहुल कुमार, निवासी पम्पापुर, चम्पावत। पूछताछ में ईशा ने जो कहानी सुनाई, उसने पूरे मामले को और खतरनाक बना दिया। ईशा ने बताया कि यह ड्रग्स उसके पति राहुल और उसके साथी कुनाल कोहली ने उसे पिथौरागढ़ से लाकर दी थी।
पुलिस दबाव और बढ़ती सख्ती की वजह से ईशा इन ड्रग्स को नहर में फेंकने जा रही थी। लेकिन पुलिस टीम ने ऐन वक्त पर उसे धर दबोचा।
राहुल और कुनाल फिलहाल फरार हैं। दोनों पहले से ही महाराष्ट्र के ठाणे में एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में वांछित हैं। अब पुलिस की टीमें दोनों की तलाश में जुट गई हैं और नेपाल व नाइजीरियाई कनेक्शन की भी जांच की जा रही है।
पुलिस टीम को इनाम
कुमाऊं की आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने इस कामयाबी पर खुशी जताते हुए पुलिस टीम को 20 हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की।
क्या है एमडीएमए?
युवाओं में तेजी से फैलता यह सिंथेटिक ड्रग पार्टी ड्रग्स के नाम से कुख्यात है। यह न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद घातक होता है।
टनकपुर में नहर के किनारे जिस ‘एक्स्टसी’ को बहा देने की तैयारी थी, वो अगर बाजार में पहुंचता तो न जाने कितने घर उजड़ जाते। शुक्र है कि पुलिस की मुस्तैदी ने एक बड़ा खतरा टाल दिया।

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