मनसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़ से त्रासदी — 8 श्रद्धालुओं की मौत, 30 घायल, मुख्यमंत्री धामी ने दिए त्वरित राहत व जांच के निर्देश

हरिद्वार: रविवार सुबह उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थस्थल हरिद्वार में स्थित मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ। सुबह करीब 9 बजे, भारी भीड़ के कारण अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 8 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 30 श्रद्धालु घायल हुए हैं। यह घटना उस समय हुई जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर के दर्शन के लिए पैदल मार्ग पर चढ़ाई कर रहे थे। मंदिर के निकट जैसे-जैसे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई, मार्ग पर दबाव असहनीय होता चला गया। भीड़ नियंत्रित न होने के कारण अचानक अफरातफरी मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। इसी भगदड़ में कई श्रद्धालु कुचल गए।
प्रशासन की तत्परता और रेस्क्यू ऑपरेशन

घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। राहत और बचाव कार्यों को त्वरित रूप से प्रारंभ किया गया। घायलों को तत्काल निकटवर्ती चिकित्सा केंद्रों में पहुंचाया गया। 5 गंभीर रूप से घायलों को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है। 23 घायलों का इलाज जिला चिकित्सालय हरिद्वार में चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और सभी घायलों को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया शोक, घोषित की राहत राशि

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक प्रकट किया। उन्होंने दिवंगत श्रद्धालुओं के परिजनों को ₹2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि, और घायलों को ₹50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।मुख्यमंत्री ने कहा – “यह घटना अत्यंत दुखद है। राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। हम घायलों के उपचार व परिवारों को हरसंभव सहायता देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देशित किया कि सभी पीड़ितों को त्वरित राहत उपलब्ध कराई जाए। मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, भीड़ नियंत्रण की समीक्षा के निर्देश मुख्यमंत्री ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए:

यात्रा मार्गों की व्यवस्था की समीक्षा, भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की रणनीति, पैदल मार्गों की क्षमता और वैकल्पिक रूट्स का मूल्यांकन जैसे मुद्दों पर गहराई से विचार करने के निर्देश सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन को दिए गए हैं।
आपदा प्रबंधन टीम ने संभाला मोर्चा

घटना के तुरंत बाद राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा प्रबंधन श्री सुमन पहुंचे। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उनके साथ डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओबैदुल्लाह अंसारी, विशेषज्ञ हेमंत बिष्ट और मनीष कुमार भी कंट्रोल रूम में उपस्थित रहे।
हेल्पलाइन नंबर जारी
श्रद्धालुओं एवं उनके परिजनों की सहायता हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं:
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र, हरिद्वार:
01334-223999, 📱 9068197350, 9528250926

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून:
0135-2710334, 2710335
8218867005, 9058441404
मुख्यमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर जाना हालचाल
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं हरिद्वार जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश जाकर घायलों से मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों से विस्तृत जानकारी ली और यह सुनिश्चित किया कि सभी घायलों को सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि:
सभी घायल श्रद्धालुओं को निःशुल्क इलाज मिले
परिजनों को आवास, भोजन और आवागमन की सुविधा दी जाए
भविष्य में इस मार्ग पर स्थायी सुरक्षा प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए
मुख्यमंत्री के साथ मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान सहित जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
भीड़ नियंत्रण पर उठे सवाल; हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थलों पर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, विशेषकर सावन मास में। यह घटना एक बार फिर भीड़ प्रबंधन की गंभीरता और व्यवस्थाओं की खामियों को उजागर करती है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन भविष्य में क्या सुधारात्मक कदम उठाता है।

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