एक हफ्ते में ही थलपति विजय की फिल्म का हुआ बंटाधार
थलपति विजय की ‘द ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम’ बीते शक्रवार को गरजते हुए बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई थी। फिल्म ने पहले वीकेंड में धमाकेदार कमाई की। लेकिन वीकडेज शुरू होते ही यह भीगी बिल्ली बन गई। दिन-ब-दिन कमाई लगातार गिरती जा रही है। जबकि फिल्म का बजट 400 करोड़ रुपये का है।
तमिल फिल्मों के सुपरस्टार थलपित विजय की ‘ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम’ ने वीकडेज में बुरी तरह निराश किया है। चार दिनों के पहले वीकेंड में जहां यह फिल्म सिनेमाघरों में दहाड़ रही थी, वहीं पहले हफ्ते के अंत तक आते-आते गोट मिमियाने लगी है। वेंकट प्रभु के डायरेक्शन में बनी इस एक्शन फिल्म की कमाई लगातार गिरती जा रही है। अब इसे आगे आ रही वीकेंड का ही सहारा है। पहले ऐसा लग रहा था कि यह फिल्म कमाई के नए रेकॉर्ड बनाएगी, लेकिन जैसे हालात हैं, 400 करोड़ के महाबजट में बनी इस फिल्म का फ्लॉप होना अब लगभग तय है!
गोट ने पहले वीकेंड में तमिल, हिंदी और तेलुगू मिलाकर देश में 134 करोड़ रुपये की तगड़ी ओपनिंग ली थी। लेकिन सोमवार से ही इसकी कमाई लगातार गिरती जा रही है। आलम यह है कि पहले हफ्ते के आखिरी दिन गुरुवार को यह तीनों भाषाओं को मिलाकर भी 7 करोड़ रुपये नहीं कमा सकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गोट ने गुरुवार को 8वें दिन देश में महज 6.75 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। इसमें 5.6 करोड़ रुपये का बिजनस तमिल वर्जन ने किया है। जबकि फिल्म ने हिंदी में 60 लाख और तेलुगू में 55 लाख रुपये की कमाई की है। एक दिन पहले बुधवार को इसने 8.50 करोड़ रुपये कमाए थे।
द ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम’ वर्ल्डवाइड कलेक्शन डे 8
‘द ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम’ ने पहले हफ्ते में जहां देश में 178 करोड़ रुपये का टोटल नेट कलेक्शन किया है, वहीं वर्ल्डवाइड इसने 340.50 करोड़ रुपये की ग्रॉस कमाई की है। फिल्म की कमाई की रफ्तार विदेशों में भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। देश के बाहर विदेशों में 8 दिनों में फिल्म ने 131.30 करोड़ रुपये का ग्रॉस कलेक्शन किया है।
8 दिनों में अर्श से फर्श पर कैसे आ गई गोट की कमाई
गोटमें थलपति विजय डबल रोल में हैं। यह फिल्म उनके फैंस के लिए भले ही सौगात बनकर आई है, लेकिन सिनेमा के बाकी दर्शकों को रिझाने में यह नाकामयाब रही है। यही कारण है कि वीकडेज शुरू होते ही फिल्म का क्रेज अचानक से गिरता चला गया। खासकर हिंदी वर्जन से 8 दिनों में महज 11.30 करोड़ रुपये की कमाई एक बड़ी नाकामयाबी है, क्योंकि किसी भी पैन इंडिया फिल्म के लिए हिंदी के दर्शकों को रिझाना सबसे जरूरी है, तभी जाकर फिल्म रिकॉर्ड कमाई तक पहुंचती है।

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