देहरादून/ऋषिकेश: आध्यात्मिक और धार्मिक पहचान वाली ऋषिकेश, जिसे योग नगरी और तीर्थ नगरी के नाम से पूरी दुनिया जानती है, एक बार फिर अनैतिक गतिविधियों की वजह से सुर्खियों में है। गंगा भोगपुर तल्ला क्षेत्र के एक रिजॉर्ट में चल रही रेव पार्टी का पर्दाफाश होने के बाद स्थानीय लोग भड़क उठे हैं।
शनिवार देर रात पौड़ी पुलिस ने गंगा भोगपुर के इवाना रिजॉर्ट में छापा मारकर 37 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें 9 महिलाएं भी शामिल थीं। ये सभी दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए थे। मौके पर शराब या मादक पदार्थ न मिलने के बावजूद पुलिस ने सभी पर पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई कर 500-500 रुपये जुर्माना लगाकर छोड़ दिया।
स्थानीय लोगों का गुस्सा
गंगा भोगपुर के ग्रामीणों का कहना है कि मानसून सीजन में गंगा पर राफ्टिंग और कैंपिंग प्रतिबंधित होती है। इसके बावजूद रिजॉर्ट संचालक सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाकर पार्टी आयोजित कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर पुलिस इसी तरह खानापूर्ति वाली कार्रवाई करती रही तो आने वाले समय में ऋषिकेश पर्यटन और तीर्थ दोनों छवि खो देगा।
अंकिता हत्याकांड के बाद फिर गंगा भोगपुर सुर्खियों में
गंगा भोगपुर तल्ला वही क्षेत्र है जो सितंबर 2022 में अंकिता भंडारी हत्याकांड की वजह से देशभर में सुर्खियों में आया था। उस वक्त भी यहां के रिजॉर्ट में अवैध गतिविधियों का अड्डा बनने का आरोप लगा था। अब दोबारा रेव पार्टी पकड़े जाने से इलाके की छवि फिर सवालों के घेरे में है।
बड़े सवाल
- जब शराब या नशा नहीं मिला तो कार्रवाई किस आधार पर हुई?
- 500 रुपये के जुर्माने पर छोड़ना क्या रसूखदारों को बचाना है?
- अंकिता हत्याकांड के बाद भी गंगा भोगपुर में क्यों जारी हैं अवैध गतिविधियां?
- क्या प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत से चल रही हैं ये पार्टियां
पार्टी के नाम पर कारोबारियों की महफ़िल
पुलिस जांच में सामने आया कि चित्तारी एग्रीकल्चर कंपनी के एरिया मैनेजर मनोज कुमार (निवासी मेरठ) ने यह पार्टी रखी थी। मनोज को कंपनी से 4 करोड़ का टारगेट मिला हुआ था। टारगेट पूरा करने के लिए वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाद व्यापारियों को रिजॉर्ट में बुलाकर पार्टी आयोजित कर रहा था। पुलिस ने बताया कि मौके पर 28 पुरुष और 9 महिलाएं थीं, जिनमें ऑर्केस्ट्रा ग्रुप की महिलाएं भी शामिल थीं।
पुलिस पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों ने पुलिस कार्रवाई को बेहद कमजोर बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि 500 रुपये के जुर्माने पर छोड़ देना, “रसूखदारों को बचाने” जैसा है। उनका आरोप है कि प्रशासन अगर सख्ती से कार्रवाई नहीं करेगा तो तीर्थनगरी की छवि लगातार धूमिल होती रहेगी।
वहीं पुलिस का कहना है कि मौके से कोई मादक पदार्थ या अवैध गतिविधि सामने नहीं आई, इसलिए नियमानुसार कार्रवाई की गई।
डीजीपी ने दिए जांच के आदेश
रेव पार्टी मामले में विवाद बढ़ने पर डीजीपी दीपम सेठ ने गढ़वाल रेंज के आईजी राजीव स्वरूप को जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही एसएसपी पौड़ी से पूरी आख्या (रिपोर्ट) मांगी गई है। डीजीपी ने पकड़ी गई महिलाओं के नाम सार्वजनिक करने पर भी नाराज़गी जताई है।
कार्रवाई का शिकार बने व्यापारियों ने डीजीपी को शिकायत भेजकर आरोप लगाया है कि वे सामान्य पार्टी कर रहे थे, जिसे पुलिस ने गलत तरीके से रेव पार्टी बताकर छापेमारी की।

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