नैनीताल रेप केसः हाईकोर्ट ने जजों को सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने पर कड़ी नाराजगी

देहरादून : कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में हाईकोर्ट के जजों व अधिवक्ताओं को सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए एसएसपी नैनीताल को जांच कर सोमवार को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है कि जज व अधिवक्ता को ट्रोल किया जा रहा है और कोई कार्रवाई नहीं की गई।  वहीं, नैनीताल में 16 वर्षीय नाबालिग के साथ रेप के आरोपी उस्मान के पुत्र रिजवान खान (अपर सहायक अभियंता, लोनिवि) के स्थानांतरण पर हाई कोर्ट ने फिलहाल कोई राहत नहीं दी है। आरोपी के पुत्र का तबादला खटीमा से टिहरी के घनसाली खंड में कर दिया गया था। जिसे रिजवान ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।  गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कहा कि बिना नोटिस व आधार के स्थानांतरण कर दिया गया। तबादला आदेश को कतिपय हिंदूवादी नेताओं ने याचिकाकर्ता के पास आने से पहले ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। दुष्कर्म मामले के बाद 05 मई को बेवजह प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर कर दिया गया। इस दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने बताया कि तबादला नियमानुसार किया गया है। कोर्ट ने फिलहाल अपर सहायक अभियंता को स्थानांतरण पर कोई राहत नहीं दी है। प्रकरण में अगली सुनवाई अब सोमवार के लिए नियत कर दी गई है।

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