नई दिल्ली। संसद ने बड़ा कदम उठाते हुए पैसों से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक पारित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे गेम्स को वित्तीय नुकसान और लत का बड़ा खतरा बताते हुए यह कड़ा फैसला लिया।
इस अचानक हुए फैसले ने देश के तेजी से बढ़ते फैंटेसी गेमिंग सेक्टर को हिला दिया है। ड्रीम11, एमपीएल और ज़ूपी जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर संकट मंडराने लगा है। उद्योग विशेषज्ञों का अनुमान था कि यह सेक्टर 2029 तक 3.6 अरब डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपये) का हो जाएगा।
निवेशकों और कंपनियों को झटका
इस क्षेत्र में टाइगर ग्लोबल और पीक XV पार्टनर्स जैसी अंतरराष्ट्रीय वेंचर कैपिटल कंपनियों ने अरबों रुपये का निवेश किया था। अब अचानक प्रतिबंध से निवेशकों को बड़ा झटका लगा है। कई कंपनियों ने अपने मनी गेमिंग डिवीजन बंद करने और ई-स्पोर्ट्स व फ्री-टू-प्ले मॉडल की ओर रुख करने की तैयारी शुरू कर दी है।
सरकार का तर्क
सरकार का कहना है कि इन गेम्स के नाम पर दरअसल जुए और सट्टेबाजी को बढ़ावा मिल रहा था, जिससे युवाओं में लत और आर्थिक बर्बादी जैसी समस्याएं बढ़ रही थीं। नया कानून लागू होने के बाद किसी भी रूप में विज्ञापन, प्रचार और पैसों का लेन-देन प्रतिबंधित होगा।
राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिलते ही यह कानून पूरे देश में लागू हो जाएगा। कंपनियाँ अब अपने उपयोगकर्ताओं को जमा राशि लौटाने और कारोबार के नए रास्ते खोजने में जुट गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले का असर स्पॉन्सरशिप, विज्ञापन और खेल आयोजनों पर भी गहराई से पड़ेगा।
क्यों लगती है ऑनलाइन गेम पर पाबंदी?
लत (Addiction): कई बार बच्चे और युवा घंटों-घंटों गेम खेलते रहते हैं, जिससे पढ़ाई और दिनचर्या प्रभावित होती है।
स्वास्थ्य कारण: लगातार मोबाइल/कंप्यूटर पर गेम खेलने से आँखों, दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
आर्थिक नुकसान: कई गेम्स (जैसे बेटिंग या इन-ऐप खरीदारी वाले गेम) पैसों की बर्बादी करवाते हैं।
अवैध गतिविधियाँ: कुछ ऑनलाइन गेम्स जुए या सट्टेबाजी से जुड़े होते हैं, जो कानूनन अपराध हैं।
भारत में स्थिति
भारत सरकार और राज्य सरकारें समय-समय पर ऐसे गेम्स पर रोक लगाती रही हैं।
PUBG Mobile को 2020 में प्रतिबंधित किया गया था, बाद में नया वर्ज़न (BGMI) वापस आया।
कई राज्यों (जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना) ने ऑनलाइन रम्मी और बेटिंग गेम्स पर पाबंदी लगाई है।
केंद्र सरकार ने IT Act और Online Gaming Rules के तहत नशा फैलाने वाले, हानिकारक या बेटिंग वाले गेम्स को बैन करने का अधिकार रखा है।
किन गेम्स पर ज़्यादा खतरा बताया जाता है?
Real Money Gaming (जहाँ पैसे दांव पर लगाए जाते हैं)।
शूटिंग/हिंसक गेम्स (जैसे PUBG, Free Fire) जिनके कारण बच्चों में आक्रामकता की शिकायत आती है।
लत लगाने वाले addictive गेम्स जिनमें बच्चे दिन-रात लगे रहते हैं।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
पूरी तरह बैन करने से अवैध तरीकों से गेम खेलने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
आप क्या करे
बच्चों की ऑनलाइन टाइम लिमिट तय की जाए,
18 साल से कम उम्र वालों के लिए सख़्त पाबंदी हो,
गेम कंपनियों को नियमों के हिसाब से चलने पर मजबूर किया जाए।

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