पंचायत चुनाव का शोर थमा, अब उम्मीदवारों की किस्मत मतदाताओं के हाथ में

देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का चुनाव प्रचार समाप्त हो गया है। चुनाव प्रचार के बाद अब गांवों की गलियों में पसरा सन्नाटा साफ महसूस हो रहा है। चुनावी नारों और प्रचार रथों की गूंज थम गई है, और अब सभी की निगाहें 28 को मतदान और 31 जुलाई के परिणामों पर टिकी हैं। राज्य के 12 जिलों के 49 विकासखंडों में हुए चुनाव में लोगों ने भारी उत्साह के साथ भाग लिया।

28 को सुबह 8 बजे शुरू हुए मतदान का समय शाम 5 बजे तक रहेगा इसमें सभी को बढ़चढ कर हिस्सा लेना है। चुनाव आयोग के अनुसार, इस चरण में करीब 26 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने 17,000 से अधिक प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला किया है। अब मतगणना की तैयारी शुरू हो चुकी है, जो आगामी दिनों में संपन्न होगी।

चुनावी रंगत के बाद गांवों में फिर लौटी सामान्य दिनचर्या

जहां बीते कुछ हफ्तों से गांव-गांव चुनावी चर्चाएं, रैलियां, घर-घर संपर्क अभियान और वादों की भरमार देखी जा रही थी, वहीं अब वह हलचल थम चुकी है। लोग अब रोजमर्रा की गतिविधियों में लौटने लगे हैं, और प्रत्याशी भी मतदाताओं के फैसले को स्वीकार करते हुए शांत प्रतीक्षा में हैं।

अब निगाहें परिणामों पर टिकी

अब सभी की निगाहें मतगणना तिथि पर टिकी हैं। खासकर प्रत्याशी और उनके समर्थक जीत-हार के समीकरण बिठाने में जुट गए हैं। सोशल मीडिया पर भी चर्चाएं तेज हैं—कौन जीतेगा, कौन हारेगा, और कौन बनेगा गांव का अगला प्रतिनिधि।

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