देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक में पशुओं के कल्याण और क्रूरता पर रोक के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए। ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित इस बैठक में पिछली बैठकों में लिए गए निर्णयों की समीक्षा के साथ-साथ नई योजनाओं पर चर्चा की गई।
डीएम ने कहा कि मसला सिर्फ पशु क्रूरता का ही नहीं बल्कि मानवीय संवेदनाओं से भी जुड़ा है। उन्होंने डॉग ब्रीडर्स और सभी पेट शॉप का अनिवार्य रूप से पंजीकरण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। बिना पंजीकरण के संचालित दुकानों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
साथ ही, डीएम ने एसडीएम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर नगर क्षेत्र में संचालित अवैध मीट शॉप और डेयरियों का सर्वे कराने का आदेश दिया। 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने साफ कहा कि इन दुकानों पर किसी प्रकार की कंपाउंडिंग या चालान नहीं होगा, बल्कि सीधी जब्ती और लाइसेंस रद्दीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बैठक में घायल और बीमार पशुओं के लिए दो वाहनों की स्वीकृति भी दी। इन वाहनों के संचालन हेतु पीआरडी से मैनपावर की व्यवस्था करने को कहा गया है। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दो नई गौशालाओं के अगले माह तक तैयार होने के निर्देश दिए गए हैं।
शहरी क्षेत्रों में बढ़ती आवारा श्वानों की संख्या पर भी चिंता व्यक्त की गई। डीएम ने इनके बाध्यीकरण और गौशालाओं व कांजी हाउस में रखने की व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक मंचों पर पशु क्रूरता के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के आदेश भी दिए गए।
बैठक में मुख्य नगर आयुक्त नमामि बंसल, एसडीएम अपूर्वा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एससी जोशी, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. मंजीत सिंह, डॉ. पूजा पांडेय, सीमा शर्मा सहित अन्य अधिकारी और पशु क्रूरता निवारण सोसायटी के सदस्य उपस्थित रहे।
डीएम ने स्पष्ट संदेश दिया कि अब कोई भी पशु क्रूरता का मामला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह केवल कानून का विषय नहीं बल्कि समाज की संवेदनाओं और मानवता से भी जुड़ा मुद्दा है।

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