जिसकी बचाए जान उसने ही मौत के घाट उतारा

  • कुत्ते के काटने से कबड्डी खिलाड़ी की मौत, टीका न लगवाना पड़ा भारी
  • जिसके लिए बने रक्षक, वो ही बन गया भक्षक

बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में खेल जगत से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। 22 वर्षीय स्टेट-स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी की मौत कुत्ते के काटने के कारण रेबीज संक्रमण से हो गई। बृजेश की मौत ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है।

पिल्ले को बचाने की कोशिश में हुआ हादसा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च महीने में बृजेश ने सड़क पर घायल पड़े एक आवारा पिल्ले को बचाने की कोशिश की थी। जब उन्होंने पिल्ले को गोद में उठाया, तो उसने उनके हाथ में काट लिया। खिलाड़ी ने इसे मामूली चोट समझते हुए नजरअंदाज कर दिया और ना तो किसी डॉक्टर को दिखाया, ना ही रेबीज का टीका लगवाया।

कबड्डी में भविष्य संवारने की तैयारी कर रहा था खिलाड़ी

बृजेश सोलंकी राज्य स्तर पर कबड्डी खेल चुका था और नेशनल टीम में शामिल होने का सपना देख रहा था। वह रोजाना घंटों कड़ा अभ्यास करता था। परिजनों के अनुसार, बृजेश ने हमेशा से ही खेल को अपना जीवन माना और इसी के जरिए परिवार का नाम रोशन करना चाहता था।

लक्षण दिखने पर भी नहीं समझ पाए खतरा

मार्च में काटे जाने के बाद शुरू में कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन जून के अंत में उसे हाथ में सुन्नता, झनझनाहट और कमजोरी महसूस होने लगी। इसके साथ ही उसे पानी देखकर डर लगने लगा — यह रेबीज संक्रमण का प्रमुख लक्षण होता है परिजनों ने बताया कि शुरुआत में वह इस डर को समझ नहीं पाया। जब स्थिति ज्यादा बिगड़ने लगी, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया गया। कई सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए भटकने के बाद अंत में उसे नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इलाज के दौरान हुई मौत

डॉक्टरों ने जांच के बाद पुष्टि की कि बृजेश को रेबीज का संक्रमण हो चुका था। इस बीमारी में लक्षण दिखने के बाद इलाज लगभग असंभव होता है और मृत्यु दर करीब 100% होती है। तमाम कोशिशों के बावजूद 1 जुलाई को बृजेश ने दम तोड़ दिया।

विशेषज्ञों की चेतावनी 

विशेषज्ञों के मुताबिक, किसी भी जानवर के काटने पर सबसे पहले घाव को साबुन और पानी से करीब 15 मिनट तक धोना चाहिए। इसके बाद तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) यानी रेबीज का टीका लगवाना अनिवार्य होता है। यदि समय पर वैक्सीन ले ली जाए तो जान बचाई जा सकती है।

परिवार में मचा कोहराम

बृजेश की मौत से पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है। माता-पिता और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार ने सभी युवाओं और अभिभावकों से अपील की है कि किसी भी काटने की घटना को हल्के में न लें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

खेल जगत में शोक

खेल जगत में भी इस घटना को लेकर गहरा दुख जताया गया है। राज्य स्तर के कई खिलाड़ियों और कोचों ने बृजेश की असमय मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि अगर समय पर सावधानी बरती जाती तो यह हादसा टल सकता था।

 जरूरी सलाह

किसी भी पालतू या आवारा कुत्ते, बिल्ली या अन्य जानवर के काटने या खरोंचने पर तुरंत घाव को अच्छी तरह धोएं।

  •  बिना देरी के डॉक्टर से मिलें और रेबीज का टीका लगवाएं।
  •  रेबीज के लक्षण दिखने के बाद इलाज संभव नहीं होता।
  • इस विषय में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है।

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