- भट्ट पर दोबारा भरोसा, धामी के साथ मजबूत तालमेल की मुहर
- महेंद्र भट्ट: संघर्ष से शिखर तक, दोबारा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी
- उत्तराखंड बीजेपी में महेंद्र भट्ट का दबदबा कायम, निर्विरोध चुने गए अध्यक्ष
- भट्ट के नेतृत्व में बीजेपी फिर तैयार, नई चुनौतियों के लिए कमर कस ली
देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी में संगठन और समर्पण की कहानी फिर से दोहराई गई है। महेंद्र भट्ट एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं, और वह भी निर्विरोध। यह सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि उस भरोसे की मोहर है, जो पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं ने उन पर जताई है। 30 जून को नामांकन प्रक्रिया पूरी हुई और महेंद्र भट्ट इकलौते दावेदार रहे। इसके बाद उनका दोबारा अध्यक्ष बनना तय हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भट्ट को बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में पार्टी ने नई ऊंचाइयों को छुआ है और आगे भी उनकी अनुभवशीलता का लाभ पार्टी को मिलता रहेगा।
भट्ट की खासियत सिर्फ संगठन क्षमता में ही नहीं है, बल्कि उनका जमीनी जुड़ाव भी उन्हें खास बनाता है। गढ़वाल क्षेत्र से आने वाले भट्ट को मजबूत ब्राह्मण चेहरे के तौर पर देखा जाता है। पहली बार 2022 में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से उन्होंने बीजेपी को एक नई धार दी। चाहे चुनावी रणनीति हो या आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी, भट्ट हर जगह सबसे आगे नजर आए। महेंद्र भट्ट को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का करीबी माना जाता है। यही वजह है कि सरकार और संगठन के बीच तालमेल लगातार बेहतर बना रहा। पिछले कुछ वर्षों में जब भी कोई बड़ा राजनीतिक संकट या चुनौती सामने आई, भट्ट ने धामी के साथ कदम से कदम मिलाकर पार्टी को संभाला। भट्ट का राजनीतिक सफर 1991 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से शुरू हुआ। तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यह युवा कार्यकर्ता एक दिन प्रदेश बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा बनेगा। 1991 से 1996 तक उन्होंने कई जिम्मेदारियां संभालीं — प्रदेश सह मंत्री, जिला संयोजक, जिला संगठन मंत्री और विभाग संगठन मंत्री जैसे पदों पर रहते हुए उन्होंने संगठन के हर स्तर पर काम किया।
1997 में वे बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश सह मंत्री बने। इसके बाद 1998 से 2000 तक उत्तरांचल युवा मोर्चा में प्रदेश महामंत्री का दायित्व संभाला। राज्य गठन के समय वे उत्तरांचल युवा मोर्चा के पहले प्रदेश अध्यक्ष भी बने और अलग राज्य आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
महेंद्र भट्ट के दोबारा अध्यक्ष बनने से कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़ आ गई है। भट्ट को एक ऐसा चेहरा माना जाता है जो हर कार्यकर्ता से सीधे संवाद करता है और छोटे से छोटे स्तर के मुद्दों को भी गंभीरता से लेता है।
भट्ट की सादगी, संगठन के प्रति समर्पण और मजबूत रणनीतिक सोच ने उन्हें एक भरोसेमंद नेता बना दिया है। अब जब 2027 विधानसभा चुनाव और पंचायत चुनाव धीरे-धीरे करीब आ रहे हैं, महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में बीजेपी को नई चुनौतियों और अवसरों का सामना करना है। पार्टी को उम्मीद है कि भट्ट का अनुभव, धामी का मजबूत नेतृत्व और कार्यकर्ताओं की मेहनत मिलकर फिर से नया इतिहास रचेंगे।
महेंद्र भट्ट की यह दूसरी पारी सिर्फ एक पद का दोहराव नहीं है, बल्कि उत्तराखंड बीजेपी की नई दिशा, नई उम्मीद और संगठन की मजबूत नींव का प्रतीक है।

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