‘वक्फ बोर्ड में नई नियुक्ति न हो’ : सुप्रीम कोर्ट, सरकार को दिया एक सप्ताह का वक्त

  • सुप्रीम कोर्ट की आज की सुनवाई की बड़ी बातें:-
    – केंद्र का जवाब आने तक वक्फ संपत्ति की स्थिति नहीं बदलेगी
    – कोर्ट से वक्फ घोषित संपत्ति डिनोटिफाई नहीं होगी. फिर चाहे वह वक्फ बाय यूजर और हो या वक्फ बाय डीड
    – वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में कोई नई नियुक्ति नहीं होगी.
    – केंद्र का जवाब आने तक यथास्थिति बनी रहेगी: SC

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान वक्फ कानून पर केंद्र सरकार को 7 दिन की मोहलत दी. केंद्र को एक हफ्ते के भीतर इस पर जवाब देने को कहा है. केंद्र का जवाब आने तक वक्फ संपत्ति की स्थिति नहीं बदलेगी. सरकार के जवाब तक यथास्थिति बनी रहेगी. इसके साथ ही अगले आदेश तक नई नियुक्तियां नहीं होगी.. इस मामले पर कोर्ट दोपहर दो बजे सुनवाई शुरू हुई थी. इससे पहले बुधवार को भी अदालत में सुनवाई हुई थी. इस दौरान मुस्लिम पक्ष और केंद्र सरकार ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की थी.
कोर्ट ने बुधवार को संकेत दिए थे कि वह इसे लेकर अंतरिम आदेश दे सकती है. इस पर केंद्र सरकार ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि अंतरिम आदेश जारी करने से पहले उसकी दलीलें सुनी जाए. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. तीन जजों की बेंच ने वक्फ कानून के तीन प्रावधानों पर रोक का प्रस्ताव दिया है.

*‘वक्फ बोर्ड में पदेन अधिकारियों के अलावा मुस्लिम सदस्य ही हों’: सुप्रीम कोर्ट* https://januttrakhand.com/wakf-board-should-have-only-muslim-members-apart-from-ex-officio-officials-remarks-supreme-court/

इसमें वक्फ घोषित संपत्तियों को डिनोटिफाइ न करने का अंतरिम आदेश हो सकता है. कलेक्टर की शक्तियों को लेकर भी अंतरिम आदेश आ सकता है. वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों को शामिल करने पर भी कोर्ट अंतरिम आदेश दे सकता है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में नए वक्फ कानून के खिलाफ 73 याचिकाएं दायर हुई हैं. कोर्ट में इसकी वैधता को चुनौती दी गई है. याचिकाओं में दावा किया गया है कि संशोधित कानून के तहत वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन असामान्य ढंग से किया जाएगा और यह कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है:

क्या है वक्फ कानून?
लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) बिल को मंजूरी दी थी. इसके बाद 8 अप्रैल को केंद्र सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी थी और अब यह कानून लागू हो चुका है. वक्फ (संशोधन) कानून में कई अहम बदलाव किए गए हैं. नए कानून में सेंट्रल वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम और दो महिला सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान भी किया गया है. इसके साथ ही ‘वक्फ बाय यूजर’ के प्रावधान को भी खत्म कर दिया है. अब अगर किसी संपत्ति पर सालों से कोई इस्लामिक इमारत बनी है तो उसे वक्फ की संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता। अब कोई भी संपत्ति तभी वक्फ की संपत्ति मानी जाएगी, जब उसके वैध और कानूनी दस्तावेज होंगे.

वक्फ कानून में एक बड़ा बदलाव भी यह भी किया है कि अब कोई भी मुस्लिम व्यक्ति तभी अपनी संपत्ति को वक्फ के लिए दे सकता है, जब वह कम से कम 5 साल से इस्लाम का पालन कर रहा होगा. इसके अलावा सर्वे का अधिकार भी अब कलेक्टर को दे दिया गया है. एक और बड़ा बदलाव इसमें यह भी किया गया है कि अब तक अगर किसी संपत्ति को लेकर विवाद होता था, तो उसे सिर्फ ट्रिब्यूनल में ही चुनौती दी जा सकती थी और ट्रिब्यूनल का फैसला ही आखिरी होता था. लेकिन नए कानून के बाद इसे ऊपरी अदालत या हाईकोर्ट में भी चुनौती दी जा सकती है.

 

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