देहरादून में ऐतिहासिक कार्रवाई: हजारों फर्जी राशन-आयुष्मान कार्ड रद्द, मुकदमे दर्ज

  • जनता के हक पर डाका डालने वालों की गर्दन मरोड़ी: 9428 आयुष्मान, 3323 राशन कार्ड रद्द
  •  देहरादून में फर्जीवाड़े पर सबसे बड़ा वार: कार्ड माफियाओं की कमर तोड़ी, हजारों कार्ड रद्द

देहरादून । जनता के अधिकारों पर डाका डालने वाले माफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन ने अभूतपूर्व कार्रवाई करते हुए उनकी गर्दन मरोड़ दी है। मा. मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों पर जिला प्रशासन ने फर्जी राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड घोटाले में लिप्त गिरोहों पर कड़ा प्रहार किया है। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में की गई इस ऐतिहासिक कार्रवाई में अब तक 3323 राशन कार्ड और 9428 आयुष्मान कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। यही नहीं, दोषियों के विरुद्ध थाना कोतवाली नगर व थाना राजपुर रोड में मुकदमे दर्ज कर विधिक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

राज्य में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई

राज्य में यह पहला मौका है जब फर्जी राशन और आयुष्मान कार्ड घोटाले पर इतनी सख्त कार्रवाई की गई है। प्रशासन के इस एक्शन से माफियाओं में हड़कंप मच गया है और आम जनता में प्रशासन की कार्यशैली को लेकर विश्वास और मजबूत हुआ है।

जांच में यह सामने आया कि 136676 निष्क्रिय राशन कार्डों के आधार पर 9428 आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे, जिनका लाभ अपात्र लोग उठा रहे थे। इसी के साथ 3323 राशन कार्ड भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए पाए गए

मुकदमे दर्ज, गिरोहों की कमर तोड़ने को प्रतिबद्ध प्रशासन

जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया कि जिन कार्डों में गड़बड़ी पाई गई है, उन पर त्वरित कार्रवाई की जाए। इसी क्रम में भारतीय दंड संहिता की धारा 336(2) व 336(3) के अंतर्गत नगर कोतवाली में मुकदमे दर्ज कर दिए गए हैं।

वहीं, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा सामने आने पर धारा 318(4) के तहत थाना राजपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसएचए (State Health Authority) द्वारा संबंधित 9428 आयुष्मान कार्डों को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया भी तेज़ी से चल रही है।

आंकड़े बताते हैं माफियाओं का जाल

जनपद देहरादून में कुल 3,87,954 राशन कार्ड हैं, जिनमें से अब तक 75,576 कार्डों का सत्यापन पूरा हो चुका है। सत्यापन के दौरान 3,323 कार्ड निरस्त किए गए और 136,676 कार्ड निष्क्रिय पाए गए। इन्हीं निष्क्रिय राशन कार्डों के आधार पर 9,428 आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे।

जांच में पाया गया कि कई अपात्र लोग गलत दस्तावेजों के माध्यम से कार्ड बनाकर सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ ले रहे थे, जिससे वास्तविक पात्र लोगों के हक पर सीधा चोट पहुंची।

जिला प्रशासन का संकल्प

जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस तरह के फर्जीवाड़े में लिप्त किसी भी व्यक्ति या गिरोह को बख्शा नहीं जाएगा। मा. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रशासन का लक्ष्य पारदर्शिता और गरीबों के अधिकारों की सुरक्षा है।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा, “जनता के हक पर डाका डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।”

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