नामांकन पूरा, अब शुरू होगा असली दंगल! देहरादून पंचायत चुनाव में माहौल गरम”

  • नामांकन प्रक्रिया शांतिपूर्ण संपन्न, अब होगी दस्तावेजों की जांच
  • ग्राम पंचायत सदस्य — 2292 नामांकन
  •  ग्राम प्रधान — 511 नामांकन
  • क्षेत्र पंचायत सदस्य — 272 नामांकन
  •  जिला पंचायत सदस्य — 38

देहरादून। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया जिले में शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हो गई है। जिला निर्वाचन कंट्रोल रूम से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जनपद देहरादून के सभी छह विकासखंडों में ग्राम पंचायत सदस्य, प्रधान ग्राम पंचायत, सदस्य क्षेत्र पंचायत और सदस्य जिला पंचायत के कुल 4050 पदों के लिए 9202 नामांकन पत्रों का विक्रय हुआ। इनमें से 3113 नामांकन पत्र जमा किए गए हैं।

विस्तृत आंकड़ों के अनुसार, ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए 2292, ग्राम प्रधान के लिए 511, क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 272 तथा जिला पंचायत सदस्य के लिए 38 नामांकन पत्र दाखिल हुए हैं।

जिले में कुल 4050 पदों के लिए चुनाव होना है, जिसमें ग्राम पंचायत सदस्य के 3395, प्रधान ग्राम पंचायत के 409, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 220 और जिला पंचायत सदस्य के 26 पद शामिल हैं।

कुछ ग्राम पंचायतों और ग्राम प्रधान पदों पर केवल एक ही प्रत्याशी द्वारा नामांकन किया गया है, जिससे वहां निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है। इस स्थिति ने कई गांवों में पहले से ही चुनावी हलचल को थाम दिया है, वहीं अन्य जगहों पर दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद है।

नामांकन प्रक्रिया 2 जुलाई से प्रारंभ होकर 5 जुलाई तक चली। अब 7 जुलाई से 9 जुलाई तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। उम्मीदवार 11 जुलाई की शाम 3 बजे तक अपने नाम वापस ले सकते हैं।

ग्रामीण मतदाताओं की प्रतिक्रिया

ग्रामों में मतदाताओं में इस बार पंचायत चुनाव को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। कई ग्रामीणों ने कहा कि चुनाव से गांवों में विकास की नई उम्मीदें जुड़ी रहती हैं। कई जगह युवा और महिलाएं भी बढ़-चढ़कर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। एक स्थानीय बुजुर्ग ने कहा, “गांव की सरकार ही असली सरकार है, जो सीधे हमारे मुद्दों को सुनती और सुलझाती है।”

महिलाओं और युवाओं की बढ़ती भागीदारी

इस बार महिला और युवा प्रत्याशियों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। कई विकासखंडों में युवा प्रत्याशियों ने ग्राम प्रधान और सदस्य पदों पर नामांकन कर ग्रामीण राजनीति में नई ऊर्जा का संचार किया है।

संभावित मुद्दे और चुनावी एजेंडा

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं इस चुनाव में प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं। कई गांवों में अब भी पीने के पानी और सड़क संपर्क जैसी बुनियादी समस्याएं जस की तस हैं। प्रत्याशी इन्हीं मुद्दों को लेकर घर-घर संपर्क कर रहे हैं।इसके अलावा, रोजगार और पलायन भी महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दे बनते जा रहे हैं। ग्रामीण युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को लेकर जनता में उम्मीदें और अपेक्षाएं काफी बढ़ गई हैं।

प्रशासन की तैयारी

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सभी अधिकारियों को सतर्क रहने और प्रत्येक स्तर पर नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा विशेष निगरानी की जा रही है।

आने वाले दिनों में चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुंचेगा और गांव-गांव में जनसंपर्क, सभाएं तथा डोर-टू-डोर प्रचार तेज हो जाएगा।

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